यूसर्क ने किया चतुर्थ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कान्क्लेव का आयोजन

देहरादून। उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कान्क्लेव का आयोजन देहरादून स्थित आई0आर0डी0टी0 सभागार में किया गया। कार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा राज्य के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिये नवाचार, सजृनात्मकता, प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान शिक्षा आदि को केन्द्रित करते हुये ग्रास रूट लेवल पर विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियां पूरे प्रदेश में लगातार विभिन्न शिक्षण एवं शोध संस्थानों के साथ मिलकर सम्पादित की जा रही हैं। साथ ही यूसर्क द्वारा राज्य के विभिन्न विद्यालयों में 200 विज्ञान चेतना केन्द्र, 82 स्टैम लैब स्थापित की गई है।
प्रोफेसर रावत ने कहा कि यूसर्क द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, नवाचार, तथा कौशल व उद्यमिता विकास के क्षेत्र में विशिष्ट एवं अनुकरणीय कार्य करने वाले उत्तराखण्ड राज्य के चयनित 09 शिक्षकों को चतुर्थ ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ 2024-25 से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परम्परागत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के समागम से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक चेतना एवं सतत् विकास से सम्बन्धित विषयों को शिक्षकों द्वारा प्रदान किया जा रहा है। प्रो0 अनीता रावत ने कहा कि शिक्षकों का चिंतन कौशल एवं सृजनात्मकता छात्रों में नवाचार, क्षमतावृद्धि और उद्यमिता विकास में सहायक होंगे। इसी विचार धारा के अन्तर्गत यूसर्क द्वारा विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान आयोजित किया गया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने अपने उदबोधन में यूसर्क द्वारा आयोजित चतुर्थ ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कानक्लेव’में ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ हेतु चयन किये गये शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने शिक्षकगणों द्वारा किये जा रहे नवाचारी शिक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्यों से प्रदेश को अग्रणी बनाने में निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। श्री अग्रवाल ने यूसर्क द्वारा विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान की दिशा में किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुये कहा कि हमारे द्वारा किये गये कार्यों से उत्तराखण्ड देश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करेगा।
कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड सुश्री झरना कमठान, (आई.ए.एस.) ने अपने उदबोधन में कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षण कार्य के साथ-साथ समाज को एवं देश को दिशा प्रदान करने का कार्य करते हैं। उन्होंने यूसर्क द्वारा विगत तीन वर्षों से किये जा रहे ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ के आयोजन की सराहना करते हुये कहा कि यूसर्क का यह शिक्षकों का सम्मान उन्हें और अधिक कार्य करने की प्रेरणा देने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमको अपने प्रयासों से राज्य के अन्तिम छोर तक के विद्यार्थियों को लाभान्वित करना है तथा राज्य को आगे ले जाना है। कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में शिक्षाविद् डा0 शालिनी जोशी ने कहा कि हमको तकनीकी के सकारात्मक प्रयोग की तरफ विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना है। तकनीकी सत्र में शिवालिक कॉलेज, देहरादून की शिक्षाविद् नविता सिन्हा, ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के विद्यार्थियों के लिये आधुनिक शिक्षा के साथ ही परम्परागत शिक्षा पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा यूसर्क द्वारा प्रकाशित पुस्तक एलीमेन्ट्री स्पेक्ट्रोस्कोपिक टैक्निक्स का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में यूसर्क द्वारा किये जा रहे विशिष्ट कार्यों एवं प्रकाशित पुस्तकों, एम0आई0ई0टी0 हल्द्वानी तथा सी0आई0एम0एस0 संस्थान देहरादून में यूसर्क द्वारा स्थापित उद्यमिता विकास केन्द्र तथा हार्क संस्थान व यूसर्क के सहयोग से किये जा रहे उद्यमिता विकास कार्यक्रमों की प्रदर्शनी को अतिथियों द्वारा सराहा गया।
कार्यक्रम का संचालन यूसर्क वैज्ञानिक, डा0 ओम प्रकाश नौटियाल द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो0 जे0एम0एस0 राणा, प्रो0 गुलशन कुमार ढ़िगरा, आर0जे0 काव्या, डा0 भवतोष शर्मा, डा0 राजेन्द्र राणा, ई0 उमेश चन्द्र, ओम जोशी, राजदीप जंग, हरीश प्रसाद ममगांई, शिवानी पोखरियाल, राजीव बहुगुणा, रमेश रावत आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में विभिन्न 12 शिक्षण संस्थानों की शिक्षिकाओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों सहित 350 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में यूसर्क द्वारा शिक्षकों को तीन श्रेणियों में चतुर्थ विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान 2024-25 से सम्मानित किया गया। इनमें नवाचार में डा0 श्वेता मजगॉई, स0अ0, रा0उ0प्रा0वि0, विजयपुर ब्लॉक- कोटाबाग, नैनीताल प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान शिक्षा, रश्मि उनियाल, स0अ0, रा0उ0मा0वि0 ग्रास्टनगंज, कोटद्वार, पौड़ी गढ़वाल, राजमोहन सिंह रावत, स0अ0, रा0उ0मा0वि0 पिपाया, कालसी, देहरादून, गम्भीर पाल सिंह, स0अ0, रा0इ0का0 रौंतल, चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी राजेन्द्र कुमार गढ़कोटी, प्रवक्ता, रा0इ0का0 बापरू, चम्पावत शामिल हैं। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सतेन्द्र सिंह भंडारी स0अ0, रा0प्रा0वि0 कोटतल्ला, रूद्रप्रयाग, दिनेश चन्द्र कुकरेती, स0अ0, पी0एम0 श्री रा0इ0का0, द्वारी (पैना), रिखणीखाल, पौड़ी गढ़वाल, रमेश चन्द्र सिंह, प्रवक्ता, रा0इ0का0 ढिकुली, नैनीताल व मोहन चन्द्र, प्रधानाध्यापक, रा0प्रा0वि0 डुमलोट, कौसानी, बागेश्वर को सम्मानित किया गया।